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ज़ख़्म लफ़्ज़ों के

4.5
637

वे महज़ अल्फ़ाज़ ही थे दिल दुखाने के लिए पर ज़माने लग गए उनको भुलाने के लिए . चीर कर दिल रख दिया, हर लफ्ज़ की शमशीर ने जो जुड़ावों की कड़ी थी, तोड़ ली ज़ंजीर ने . दे दिए शक़ और शुबहे अंदरूनी पीर ने जो ...

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लेखक के बारे में
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जया गोस्वामी

                                                           जया गोस्वामी जन्म- जयपुर, 1939. शिक्षा – ·       राजस्थान विश्वविद्यालय से एम.ए. (संस्कृत एवं समाजशास्त्र विषयों में) ·       ‘वैदिक सौर देवता’ विषय पर शोधकार्य. ·       जे.जे स्कूल ऑफ आर्ट्स से ‘बॉम्बे इंटरआर्ट.’डिप्लोमा ·       हिंदी साहित्य का अध्ययन एवं पंजाब विश्यविद्यालय से प्रभाकर. .       देश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेख, व्यंग्य, कविता, ग़ज़ल, गीत आदि का प्रकाशन  एवं सतत स्फुट लेखन. ·       आकाशवाणी से हिंदी, संस्कृत-विषयों में वार्ताओं का प्रसारण प्रकाशन : ·       ‘अभी कुछ दिन लगेंगे’ – ग़ज़ल संग्रह ·       ‘पास तक फ़ासले’ - ग़ज़ल संग्रह ·       ‘ये प्रवासी स्वप्न मेरे’ - गीत संग्रह ·       ‘हम खग टूटी पाँखों के’ – गीत संग्रह ·       एक व्यंग्य संग्रह प्रकाशनाधीन ·       चित्रकला और क्राफ्ट में अभिरुचि एवं ‘शिल्पांकन’ नामक एक नयी शैली का प्रवर्तन. ·       राजस्थान ललित कला अकादमी एवं सूचना केन्द्र के तहत एकल कला प्रदर्शनियां संपन्न. सम्मान- संस्कृत परिषद् रा.वि.वि., ‘भारती मंदिर’ साहित्य केन्द्र जयपुर एवं अनुराग साहित्य सेवा संस्थान आदि द्वारा. राजस्थान आवासन मंडल में ‘वरिष्ठ कार्मिक प्रबंधक पद से सेवा निवृत्त. निवास - मकान नंबर 206, पद्मावती कॉलोनी (प्रथम), किंग्स रोड, जयपुर-302019. संपर्क सूत्र - मोबाइल 9829539330. Email: [email protected]

समीक्षा
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    22 जुलाई 2020
    कोई जख्मों पे लगाने को नमक दे जाता, किसी उलझन में ना फसूँ वो सबक दे जाता, ज़ख्म लफ़्ज़ों के लिखूं ,तो क्या समीक्षा पढू मैं, वो ईश्वर तेरे लेखों को चमक दे जाता 🥰💐🙏🙏नमन है आपके लेखों को🙏🙏💐🥰
  • author
    Mehak Kapoor
    04 जनवरी 2021
    would you like to publish your content in book as a co author if interested then message me on Instagram @girlslife745 or message me at whatsapp+91 7087335829
  • author
    11 अप्रैल 2019
    👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏🙏🙏🙏 एक ही ग़ज़ल काफी है आपकी प्रशंशक बनाने के लिए............ नमन🙏
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    22 जुलाई 2020
    कोई जख्मों पे लगाने को नमक दे जाता, किसी उलझन में ना फसूँ वो सबक दे जाता, ज़ख्म लफ़्ज़ों के लिखूं ,तो क्या समीक्षा पढू मैं, वो ईश्वर तेरे लेखों को चमक दे जाता 🥰💐🙏🙏नमन है आपके लेखों को🙏🙏💐🥰
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    Mehak Kapoor
    04 जनवरी 2021
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    11 अप्रैल 2019
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