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जैसी जिसकी सोच

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लेखक के बारे में
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Satish Kumar "अश्क"
    21 अक्टूबर 2020
    आप लाजवाब लिखते है...बाकही आपकी भावना में उतर जाने को जी चाहता है...काश मै भी आपका शब्द होता तो मुझे भी इस रचना में शामिल होने का मौका मिलता...चाहत तो है मै भी आपकी रचना में गुंथ जाऊँ...धन्यवाद आपका जो आपने मेरे जीवन में तपती अंगारो को नमी दी... मेरी भी रचना पढकर मुझे कमेंट करे...हां, लेकिन आपके पास वक्त हो तभी पढे...मै आपके कामों को डिस्ट्रब नही करना चाहता....आपका वक्त का इंतजार रहेगा.... मन करता है आपकी भावनाओ की माला में गुंथ जाऊँ, मन करता है आपके हर एक पल को खुबसूरत बनाऊँ।। बैठ जाऊँ आपके करीब कही मै जहां तंहाई हो आपकी, हो आपकी आँखो में जब आँसू मैं आपके दर्दों को सहलाऊँ।।
  • author
    स्वाती यादव
    31 अक्टूबर 2020
    bahut hi acchi rachna h
  • author
    Dharm Pal Singh Rawat
    31 अक्टूबर 2020
    सही लिखा है आपने।। 👌👌👌👌👌
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    Satish Kumar "अश्क"
    21 अक्टूबर 2020
    आप लाजवाब लिखते है...बाकही आपकी भावना में उतर जाने को जी चाहता है...काश मै भी आपका शब्द होता तो मुझे भी इस रचना में शामिल होने का मौका मिलता...चाहत तो है मै भी आपकी रचना में गुंथ जाऊँ...धन्यवाद आपका जो आपने मेरे जीवन में तपती अंगारो को नमी दी... मेरी भी रचना पढकर मुझे कमेंट करे...हां, लेकिन आपके पास वक्त हो तभी पढे...मै आपके कामों को डिस्ट्रब नही करना चाहता....आपका वक्त का इंतजार रहेगा.... मन करता है आपकी भावनाओ की माला में गुंथ जाऊँ, मन करता है आपके हर एक पल को खुबसूरत बनाऊँ।। बैठ जाऊँ आपके करीब कही मै जहां तंहाई हो आपकी, हो आपकी आँखो में जब आँसू मैं आपके दर्दों को सहलाऊँ।।
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    स्वाती यादव
    31 अक्टूबर 2020
    bahut hi acchi rachna h
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    Dharm Pal Singh Rawat
    31 अक्टूबर 2020
    सही लिखा है आपने।। 👌👌👌👌👌