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जय मिया इश्क़ की कहानी लिखा करो।

4.9
58

मेरी बातों पर आप यूं ना ऐतबार करो। सब्र रखो, ख़ुद को यूं ना बेकरार करो। करना है जो कत्ल मेरा सो जल्दी करो। खौफ़-ए- वहशत में रहम ना  यार करो। सुनो, जाने वाला लौट कर नहीं आता। उसे भुुला दो ...

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लेखक के बारे में

गुरु नमन, गुरु चरण शीश धरूं। प्रभु वंदन संग गुरु भक्ति करूं। मात - पिता समान गुरु तुम हो मेरे। आप को ईश्वर आप को शक्ति कहूं। 💐💐💐💐💐🙏🙏🙏🙏🙏 किसी बे शक्ल को शक्ल देती है ग़ज़ल। मोहब्बत में हारे को अक्ल देती है ग़ज़ल।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    29 अप्रैल 2020
    वाह जी वाह अति सुन्दर प्रस्तुति हृदय स्पर्शी एवं भावपूर्ण उम्दा ग़ज़लकारी जी 👌👌👌👌💐💐💐
  • author
    04 मई 2020
    दूसरा शेर तो बहुत ही कमाल का है। बहुत सुंदर लिखा👏👏👏👏👏👏👏
  • author
    Barkat Sahra "सहरा"
    29 अप्रैल 2020
    वाह! बेहद उम्दा ग़ज़ल! 👌👌👌👌👌 सारे ही अशआर लाजवाब हैं। 💐💐🙏🙏
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    29 अप्रैल 2020
    वाह जी वाह अति सुन्दर प्रस्तुति हृदय स्पर्शी एवं भावपूर्ण उम्दा ग़ज़लकारी जी 👌👌👌👌💐💐💐
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    04 मई 2020
    दूसरा शेर तो बहुत ही कमाल का है। बहुत सुंदर लिखा👏👏👏👏👏👏👏
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    Barkat Sahra "सहरा"
    29 अप्रैल 2020
    वाह! बेहद उम्दा ग़ज़ल! 👌👌👌👌👌 सारे ही अशआर लाजवाब हैं। 💐💐🙏🙏