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जय हनुमान महाकाव्य

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ॐ परमात्मने नमः  श्री गणेशाय नमः  श्री जानकी वल्लभाए नमः ॐ हनुमते नमः लाल देह लाली लसै अरु धर लाल लंगूर। बज्र देह दानव दलन जय जय जय कपि सूर।। श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधारि। बरनौं ...

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अयोध्या में हनुमानजी
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बृजमोहन शास्री जी महाराज जी "Shastri ji"

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 *🕉️ ... हनुमान जी का कर्ज़ा ... 🕉️* राम जी लंका पर विजय प्राप्त करके आए तो कुछ दिन पश्चात राम जी ने विभीषण, जामवंत, सुग्रीव और अंगद आदि को अयोध्या से विदा कर दिया। तो सब ने ...

लेखक के बारे में

कथा वाचक, शिक्षक, कवि एवं सामाजिक विचारक, प्रकाशित पुस्तकें - बृजकवितावली ( काव्य संग्रह), (पंचरतन, जन्मदात्री मां, इंद्रधनुष, जिद जीत की, अनुभूति, कामायनी,कहानियां) साझा साहित्य

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