सुप्रभात साथियों! आज हम बात करने जा रहे हैं "जागृत तन्द्रा" के विषय में - जो हमारे लिए सर्वाधिक घातक सिद्ध होती है। इसको बढ़ावा देने वाले तथा समाप्त करने वाले हम स्वयं ही होते हैं। ...
मैं एक इंसान हूँ और इंसान ही रहना चाहती हूँ, मुझे पठन- पाठन और लेखन का शौक है l इन्हीं के उपकरण मेरे साथी हैं | इसके अतिरिक्त कहीँ अगर रमती हूँ तो वह हैं प्रभु, गुरू एवं भजन - वंदन।
सेवानिवृत्त साहित्य शिक्षिका
यही है मेरा परिचय |
सारांश
मैं एक इंसान हूँ और इंसान ही रहना चाहती हूँ, मुझे पठन- पाठन और लेखन का शौक है l इन्हीं के उपकरण मेरे साथी हैं | इसके अतिरिक्त कहीँ अगर रमती हूँ तो वह हैं प्रभु, गुरू एवं भजन - वंदन।
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