मंदिर जाते दीन बन बनते महान जो , करत जतन बहु रीत सुजान जग के। शाम भये फिर देख लो उनकी ही बान, सुरा संग वाकी दिखती प्रीत अनोखी । नेता सबकेहितकर बने घूमें गली गली , जगह -जगह पर सबके मिलते गले फिरें ...

प्रतिलिपिमंदिर जाते दीन बन बनते महान जो , करत जतन बहु रीत सुजान जग के। शाम भये फिर देख लो उनकी ही बान, सुरा संग वाकी दिखती प्रीत अनोखी । नेता सबकेहितकर बने घूमें गली गली , जगह -जगह पर सबके मिलते गले फिरें ...