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जादुई महल

4.7
105

जादुई महल -----------मोहन जब अपने दादा जी के यहां आया तो वहां से उसने देखा, बहुत दूर नदी के पार जंगल में एक महल दिखाई दे रहा था! जंगल के भीतर महल था और उसका कंगूरा वहां से दिखाई दे रहा था! बाकी महल ...

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लेखक के बारे में
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Usha Verma

मैं एक रिटायर्ड प्रोफेसर हूं। मैं नालंदा महिला कॉलेज में प्राध्यापक के पद पर नियुक्त थी, लेकिन अब अवकाश प्राप्त कर चुकी हूं। लिखना पढ़ना मेरा प्रिय काम है।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    श्वेता विजय mishra
    17 ഫെബ്രുവരി 2021
    ईमानदारी की सीख देती हुई बहुत बेहतरीन कहानी लिखी आपने बहुत बहुत खूब👌👌👌👌👍👍👍👍👍
  • author
    Pandey Jitendra "Jeet"
    20 ഫെബ്രുവരി 2021
    बहुत ही रोमांचक और प्रेरक कहानी 👌👌👌💐💐💐💐
  • author
    pawan sharma
    16 ഫെബ്രുവരി 2021
    बहुत ही शानदार लिखा है आपने 👌👌👌👌👌👌
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    श्वेता विजय mishra
    17 ഫെബ്രുവരി 2021
    ईमानदारी की सीख देती हुई बहुत बेहतरीन कहानी लिखी आपने बहुत बहुत खूब👌👌👌👌👍👍👍👍👍
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    Pandey Jitendra "Jeet"
    20 ഫെബ്രുവരി 2021
    बहुत ही रोमांचक और प्रेरक कहानी 👌👌👌💐💐💐💐
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    pawan sharma
    16 ഫെബ്രുവരി 2021
    बहुत ही शानदार लिखा है आपने 👌👌👌👌👌👌