पूरा नाम : गिरीश चंद्र उपाध्याय । दस उपन्यास, सत्ताईस व्यंग्य संग्रह, सात गजल संग्रह, नवसाक्षरों के लिए पन्द्रह पुस्तकें, बच्चों के लिए सात पुस्तकें, पत्रकारिता साहित्य पर विविध विषयों को लेकर पन्द्रह पुस्तकें। लगभग सन्तानवे पुस्तकों का लेखन। व्यंग्य साहित्य का सबसे बड़ा लखटकिया सम्मान 'व्यंग्यश्री' 13 फरवरी, 2018 को दिल्ली में मिला। रायपुर (छत्तीसगढ़) में रहते हुए पिछले चालीस सालों से साहित्य और पत्रकारिता में निरंतर सक्रिय। प्रमुख अखबारों में मुख्य नगर संवाददाता और संपादक के पद पर काम करने के बाद स्वतंत्र लेखन। बीस खंडों में 'गिरीश पंकज रचनावली' प्रकाश्य। अब तक बाईस विद्यार्थियों द्वारा शोध कार्य।
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