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जब किस्मत मेहरबान तो गधा पहलवान

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जब किस्मत मेहरबान तो गधा पहलवान ये बात सच है कि जिसके पास किस्मत होती है, दुनिया उसी के कदम चूमती है. चाहे वो गधा हो या रेस का घोड़ा . तो आज मैं आप के साथ इसी विषय में एक कहानी सांझी करने जा रहा ...

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लेखक के बारे में
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संजीव साहिब

खुद को खुद में ढूँढता हुआ...... लेखक, कवि, थिएटर आर्टिस्ट, अध्यापक, आईटी एक्सपर्ट.... लेखन विधा :- कहानी, कविता, दोहा, ग़ज़ल, लेख, व्यंग्य, उपन्यास.... प्लेटफॉर्म :- प्रतिलिपि, स्टोरीमिरर, योरकोट,writco , Headphone जुड़े मेरे साथ प्रीतिलिपी पर.

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    विद्या शर्मा
    05 जून 2020
    कहानी तो बेशक बहुत ही अच्छी है लेकिन एक लोककथा है और दूसरी आपने शब्द और मात्राओं की बहुत सारी गलतियां की हैं अगली बार जब आप अपनी कोई भी रचना पोस्ट करें तो उसे कम से कम 2 बार पढ़कर एडिट करके तभी पोस्ट करें क्योंकि इन गलतियों से रचना की खूबसूरती कम हो जाती है
  • author
    Rekha Jain
    10 जून 2020
    बहुत खूब । बचपन याद आ गया। बहुत सुनी है बचपन में ।
  • author
    ममता भादड़
    04 जून 2020
    😂😂😂 यह कहानी मेरे बचपन में नहीं थी।
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    विद्या शर्मा
    05 जून 2020
    कहानी तो बेशक बहुत ही अच्छी है लेकिन एक लोककथा है और दूसरी आपने शब्द और मात्राओं की बहुत सारी गलतियां की हैं अगली बार जब आप अपनी कोई भी रचना पोस्ट करें तो उसे कम से कम 2 बार पढ़कर एडिट करके तभी पोस्ट करें क्योंकि इन गलतियों से रचना की खूबसूरती कम हो जाती है
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    Rekha Jain
    10 जून 2020
    बहुत खूब । बचपन याद आ गया। बहुत सुनी है बचपन में ।
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    ममता भादड़
    04 जून 2020
    😂😂😂 यह कहानी मेरे बचपन में नहीं थी।