रिफ़अत शाहीन का बचपन ही साहित्यिक परिवेश में बीता, नाना उर्दू के प्रख्यात साहित्यकार रहे , पिता प्रख्यात शायर.. माँ और नानी भी लेखन से जुडी रहीं । ऐसे में लेखिका ने बालवय में ही लिखना शुरू कर दिया । 10 वर्ष की आयु में लेखिका की पहली पुस्तक...बूझो तो जाने ..हिंदी उर्दू दोनों भाषा में प्रकाशित हुई। फिर तो लेखन को एक गति मिल गई ...18 वर्ष की आयु में एक पुस्तक., . औरत कमज़ोर नही, प्रकाशित हुई ..फिर लेखिका रेडियो और दूरदर्शन से जुड़ीं, थियेटर और फ़िल्म लेखन भी जारी है, अम्रर उजाला पत्र में भी लिखतीं रही, विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में लिखा , वर्तमान में एक अख़बार में ब्यूरो होने के साथ,साथ एक मासिक पत्रिका की सम्पादक, और मान्यता प्राप्त पत्रकार भी है । उर्दू अकेडमी उत्तर प्रदेश से एक नॉवेल...एक और अमीरन ..2016 में प्रकाशित हुई, एक नॉवेल ...गुलनार लोधी प्रेस में है, हिंदी संस्थान की पत्रिका साहित्य भारती में भी रचनाये प्रकाशित होती रहती है, सरस्वती सुमन, सृजन सरोकार, साहित्य सृजन ,और अन्य मासिक पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं,।
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