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"जाके पांव न फटी बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई"

4.2
608

"रिया बेटा, सोने का समय हो गया है । दूध पीकर सीधे अपने रूम में जाना, सुबह स्कूल है।" सीमा ने किचन में दूध छानते हुए अपनी छह वर्षीय बेटी से कहा| "आई मम्मा।" रिया कूदती फांदती आई और दूध पीकर दादी के ...

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लेखक के बारे में
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Priyanka Saxena

मैं लेखिका, कलम की धार से करूं मैं प्रहार! नमस्कार दोस्तों! मैंने मास्टर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन (MCA) की उपाधि प्राप्त की है।गणित के नम्बरों से खेलते हुए विज्ञान की अथाह गहराइयों में गोते लगाते हुए जो मन में भाव उमड़ आते उन्हें बचपन से ही अपनी डायरी में सहेज लिया करती थी।धीरे-धीरे साहित्यिक अभिरुचि विकसित होने लगी।कविता में नारी की प्रगतिवादी सोच को दर्शाती, कभी हल्के-फुल्के पलों को बताती समाज की कुरीतियों के विरुद्ध आवाज़ उठाने की कोशिश करती हूॅ॑।कहानी लेखन के‌ जरिए समाज को सीख देने का प्रयास करती हूॅ॑।कुकिंग का शौक है,फूड ब्लाॅगिंग हिंदी ‌व अंग्रेजी में करती हूॅ॑। -प्रियंका सक्सेना a freelance software professional; love to write in Hindi and English languages... Here is a link to my Hindi poems, articles and stories https://priyankascomposition.blogspot.com/?m=1 Here is a link to my food blogs https://aromafromthekitchen.blogspot.com/?m=1

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Kamlesh Patni
    30 जुलाई 2021
    बहुत सटीक कथानक है।बच्चे अपने आसपास की घटनाओं ध्यान से देखते हैं ।उनका अनुसरण करते है।माता-पिता को हमेशा सबके साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। ।
  • author
    Shalini Chakraborty
    02 अगस्त 2021
    sach hi hai baache Jo dekhte hai wahi sikhte hai aur anjanne hi sahi kabhi kabhi hume aaina dikha dete hai।।।
  • author
    Chhama Agarwal
    22 सितम्बर 2022
    kabhi kabhi Bacharach ma baap ko sahi sikh de detay hai jaisay riya ne apni ma ko
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    Kamlesh Patni
    30 जुलाई 2021
    बहुत सटीक कथानक है।बच्चे अपने आसपास की घटनाओं ध्यान से देखते हैं ।उनका अनुसरण करते है।माता-पिता को हमेशा सबके साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। ।
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    Shalini Chakraborty
    02 अगस्त 2021
    sach hi hai baache Jo dekhte hai wahi sikhte hai aur anjanne hi sahi kabhi kabhi hume aaina dikha dete hai।।।
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    Chhama Agarwal
    22 सितम्बर 2022
    kabhi kabhi Bacharach ma baap ko sahi sikh de detay hai jaisay riya ne apni ma ko