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इत्ती सी ख़ुशी

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आज सुबह माँ को किसी बात पर नाराज क्या किया, दिन भर फिर मनाने को उसके लिए महंगे तोहफ़े मै खरीदता रहा, सोचा खाना खा कर माँ को तोहफ़े तमाम दूंगा, उदास चेहरे पर मुस्कान इन तोहफो को दे सजा ही दूंगा, ...

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लेखक के बारे में
author
Risha Gupta

लेखक बनना आसान कहा, खुद को भीतर तक कुरेदती हूँ,  बिखरती हूँ तब जाकर ये कलम निखरती है ✍️✍️

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Alpesh Panchal
    28 जून 2024
    बहुत बढ़िया और सुंदर रचना मां तो मेहगे तोहफे से नही, लेकीन मां की खुशी तो अपने बच्चो की खुशी मै छिपी होती है।।।।
  • author
    28 जून 2024
    बहुत आसान है ममतामयी माँ को खुश करना, बशर्ते औलाद में इसका हुनर हो। बेहतरीन लिखा है।
  • author
    Asha garg
    28 जून 2024
    बहुत ही सुंदर अप्रतिम रचना ❤️ माँ की ममता ऐसी ही होती हैं 👏👏👏👏🥰🥰🤩🤩
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Alpesh Panchal
    28 जून 2024
    बहुत बढ़िया और सुंदर रचना मां तो मेहगे तोहफे से नही, लेकीन मां की खुशी तो अपने बच्चो की खुशी मै छिपी होती है।।।।
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    28 जून 2024
    बहुत आसान है ममतामयी माँ को खुश करना, बशर्ते औलाद में इसका हुनर हो। बेहतरीन लिखा है।
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    Asha garg
    28 जून 2024
    बहुत ही सुंदर अप्रतिम रचना ❤️ माँ की ममता ऐसी ही होती हैं 👏👏👏👏🥰🥰🤩🤩