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इश्क का दरिया

4.8
56

तेरे इश्क के गहराई को चले थे हम नापने फंस गये किस जगह पर सुलझा सके न इस रहस्य को सब कुछ अपना गवां बैठे तेरे प्यार में इस कदर डूबे की चिराग जिंदगी का बूझा बैठे. लहरों में देखी तेरी परछाई हम ...

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लेखक के बारे में

मैं हूं कलाकार रंगों से है प्यार... अब लेखन की दुनिया में पहला कदम बढ़ाया है बस है मेरा एक छोटा सा प्रयास.

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    usha gaur
    29 జులై 2021
    बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति।बीच समुंदर में किश्ती डूबा बैठे।उत्तम रचना।👌👌👌👍👍👍💐✍️
  • author
    sarita chand
    30 జులై 2021
    बहुत खूबसूरत प्रेम रस से ओतप्रोत करती हुई रचना 👌👌👌👌👌👌👍👍👍👍💐💐💐💐
  • author
    Radha Parmar "Radha"
    30 జులై 2021
    बहुत खूब सुन्दर प्रस्तुति दीदी राधे राधे 🙏🙏🌷
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    usha gaur
    29 జులై 2021
    बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति।बीच समुंदर में किश्ती डूबा बैठे।उत्तम रचना।👌👌👌👍👍👍💐✍️
  • author
    sarita chand
    30 జులై 2021
    बहुत खूबसूरत प्रेम रस से ओतप्रोत करती हुई रचना 👌👌👌👌👌👌👍👍👍👍💐💐💐💐
  • author
    Radha Parmar "Radha"
    30 జులై 2021
    बहुत खूब सुन्दर प्रस्तुति दीदी राधे राधे 🙏🙏🌷