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इश्क़ भी कोकीन से कम तो नहीं है

4.3
1803

बस स्टॉप..सुल्तानपुर... बारिश में भींगी वो सफेद शूट में ऐसी फब रही थी मानो कश्मीर की बर्फबारी में सेव खिलखिला रहा हो.कांधे पर एक तरफ सलीके से लटकते दुपट्टे के एक छोर पकड़ के आसमान की गहराई नाप लेने को ...

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लेखक के बारे में
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अतुल राय

मैं अदना सा कलमकार हूं,खुद को लिखने की कोशिश जमीन से जुड़े रहकर!

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Go Go Gourav "Writer"
    26 नोव्हेंबर 2019
    शब्द़ों से खेलने की गजब़ की काब़लियत...कश्मीर का सेव भाई वाह
  • author
    Asheeshydm Kumar y4
    07 जुलै 2020
    अपने शब्दो से सुल्तानपुर बस स्टॉप के साथ ही साथ कोकीन कि जो क्षवि चित्रित किया है काबिले तारीफ़ है.......
  • author
    रंजू राय "दिशा"
    08 जुलै 2018
    वाकई। जभी तो अच्छे अच्छे बर्बाद हो जाते है। बेहतरीन रचना।
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    Go Go Gourav "Writer"
    26 नोव्हेंबर 2019
    शब्द़ों से खेलने की गजब़ की काब़लियत...कश्मीर का सेव भाई वाह
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    Asheeshydm Kumar y4
    07 जुलै 2020
    अपने शब्दो से सुल्तानपुर बस स्टॉप के साथ ही साथ कोकीन कि जो क्षवि चित्रित किया है काबिले तारीफ़ है.......
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    रंजू राय "दिशा"
    08 जुलै 2018
    वाकई। जभी तो अच्छे अच्छे बर्बाद हो जाते है। बेहतरीन रचना।