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इश्क़ वो आतिश है ग़ालिब

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13294

सुमी करवट बदलते-से समय में वह एक उनींदी-सी शाम थी । एक मरते हुए दिन की उदास , सर्द शाम । काजल के धब्बे-सी फैलती हुई । छूट गई धड़कन-सी अनाम । ऐसा क्या था उस शाम में ? धीरे-धीरे सरकती हुई एक निस्तेज ...

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समीक्षा
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  • author
    Devis Sheoran
    01 जुलै 2018
    आपका इशक सदियों पुरानी ईबादत है । ऐसे ही दिवानो को तपाना रब की आदत है।
  • author
    03 जुन 2018
    बहुत ही मार्मिक लेख है। प्रेम में ही सर्व सुख और संसार है। प्रेम पाने के लिए भौतिकी और सामाजिक दुनिया से बैर ही होगा। इसलिए इस दुनिया में ख़ास कर भारत जैसे धार्मिक जगहों पे प्रेम पाना दुर्लभ है इसके लिए हर प्रेमी को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इन्ही दुष्वारियों से तंग आकर कुछ लोग आत्महत्या जैसी गलत कदम उठा लेते है , और प्रेम बदनाम होता है। आप खुद ही अपने प्रेम के लिए अनेक दुविधाओं से गुजरी होंगीं, अन्ततः खुशी की बात यह है की आपको आपका प्रेम मिला। आपका नया जीवन मंगलमय हो यही शुभकामनाएं है मेरी।
  • author
    Rupali Shah
    25 ऑक्टोबर 2017
    pyar k is bhavpurn abhivykti hmtk pahuchane k liye dil se dhnyawad.👌👌👌
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    Devis Sheoran
    01 जुलै 2018
    आपका इशक सदियों पुरानी ईबादत है । ऐसे ही दिवानो को तपाना रब की आदत है।
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    03 जुन 2018
    बहुत ही मार्मिक लेख है। प्रेम में ही सर्व सुख और संसार है। प्रेम पाने के लिए भौतिकी और सामाजिक दुनिया से बैर ही होगा। इसलिए इस दुनिया में ख़ास कर भारत जैसे धार्मिक जगहों पे प्रेम पाना दुर्लभ है इसके लिए हर प्रेमी को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इन्ही दुष्वारियों से तंग आकर कुछ लोग आत्महत्या जैसी गलत कदम उठा लेते है , और प्रेम बदनाम होता है। आप खुद ही अपने प्रेम के लिए अनेक दुविधाओं से गुजरी होंगीं, अन्ततः खुशी की बात यह है की आपको आपका प्रेम मिला। आपका नया जीवन मंगलमय हो यही शुभकामनाएं है मेरी।
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    Rupali Shah
    25 ऑक्टोबर 2017
    pyar k is bhavpurn abhivykti hmtk pahuchane k liye dil se dhnyawad.👌👌👌