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इस प्यार को क्या नाम दूँ

4.4
21971

25 वर्ष की हो गयी हूँ और मुझे आज भी मुझे याद है बचपन की वो सर्दियों की सुनहरी धूप..... माँ वही आँगन मैं बैठी सब्जी काटती और बगल मे मैं और गिम्मी खेल खेलते .... गिम्मी मेरी छोटी बहन बहुत चंचल थी ...

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समीक्षा
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  • author
    Jyoti Bharti
    21 ജൂലൈ 2018
    Karuna bilkul mere jaisi h, story padhte padhte aisa laga meri hi kahani likh di h aapne. very nice
  • author
    20 ജൂലൈ 2018
    ये कहानी ऐसी है कि बस पढ़ते जाओ और डूबते जाओ सपनो के जहां में।
  • author
    सुनील अनुरागी
    20 ജൂലൈ 2018
    ये कहानी नहीं भावनाओं का दरिया है।
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    Jyoti Bharti
    21 ജൂലൈ 2018
    Karuna bilkul mere jaisi h, story padhte padhte aisa laga meri hi kahani likh di h aapne. very nice
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    20 ജൂലൈ 2018
    ये कहानी ऐसी है कि बस पढ़ते जाओ और डूबते जाओ सपनो के जहां में।
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    सुनील अनुरागी
    20 ജൂലൈ 2018
    ये कहानी नहीं भावनाओं का दरिया है।