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3.9

बैशाख का दोपहर, बिजली काफी देर से गुल थी। कमरे में गरमी हो रही थी। बाहर मंद-मंद पुरवइया चल रही थी। घर के आगे अहाते में दो अमरुद, एक मेंहदी, एक आंवला का पेड़ और कुछ फूल के पौधे...हवा के संग-संग ...