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इंतज़ार...

4.1
1577

धीरे धीरे जिंदगी के सभी रंग फीके हो गए , पर यादों के रंग आज भी सजीव हैं जिंदगी की तरह , वो रंग जो भरपूर जिए थे तुम्हारे साथ, सब सहेज कर रखे हैं मैंने ... लाल रंग, तुमने कहा था हमारे दिल का प्रतीक ...

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लेखक के बारे में
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ममता जोशी
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Charlie Pandey
    12 अक्टूबर 2015
    ममता दी प्रणाम अच्छी कविता  हे आपकी इंतजार ...... तू क्या जाने तू क्या है मेरे लिए... मेरी हर साँस का वजूद तुझसे है........ अब कहाँ हो तुम मुझे पता नहीं मेरी हर साँस को इंतज़ार तुमसे हे... आज हर कोई कहता हे की जीवन में कई रंग हैं लेकिन तुम नहीं तो ये जीवन ही बेरंग हे ...
  • author
    Vinay Mehta
    12 अक्टूबर 2015
    प्यार और इंतज़ार बखूबी शब्दों में दिखाया .. बधाई ममता जी ..
  • author
    Sunita Sharma
    12 अक्टूबर 2015
    वाह बहुत सुंदर रचना !  खूब आगे बड़ो   
  • author
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  • author
    Charlie Pandey
    12 अक्टूबर 2015
    ममता दी प्रणाम अच्छी कविता  हे आपकी इंतजार ...... तू क्या जाने तू क्या है मेरे लिए... मेरी हर साँस का वजूद तुझसे है........ अब कहाँ हो तुम मुझे पता नहीं मेरी हर साँस को इंतज़ार तुमसे हे... आज हर कोई कहता हे की जीवन में कई रंग हैं लेकिन तुम नहीं तो ये जीवन ही बेरंग हे ...
  • author
    Vinay Mehta
    12 अक्टूबर 2015
    प्यार और इंतज़ार बखूबी शब्दों में दिखाया .. बधाई ममता जी ..
  • author
    Sunita Sharma
    12 अक्टूबर 2015
    वाह बहुत सुंदर रचना !  खूब आगे बड़ो