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INDIAN ARMY

201
4.5

आन है वन है, बढ़ा रहा हमारा सम्मान है। धूप में छांव में, जारे में बरसात में, अडिग है वो, जैसे उनका अभिमान है। एक है वतन उनका, ना हिन्दू है ना मुसलमान है, एक तिरंगे कि खातिर त्यागते अपना प्राण है। ...