गायत्री की ही जैसी कई नारियों के अस्तित्व के धूमिल होने की कहानी जो एक घर परिवार को बनाने में अपनी खुद की पहचान को प्राथमिकता नहीं देती है। पति व बच्चों के लिए जीवन को समर्पित कर देती है फिर उसे ...
गायत्री की ही जैसी कई नारियों के अस्तित्व के धूमिल होने की कहानी जो एक घर परिवार को बनाने में अपनी खुद की पहचान को प्राथमिकता नहीं देती है। पति व बच्चों के लिए जीवन को समर्पित कर देती है फिर उसे ...