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काश! तुम समझ पाते

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4.7

कितनी आसानी से कह दिया जाता है न ! आज से यही तुम्हारा घर है सास ससुर ही अब माता पिता हैं कभी सोचा है तुमने ? कितना मुश्किल है ये सब मेरे लिए कभी महसूस किया है तुमने मेरा दर्द ? जिस आँगन में ...