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हम तुम तुम हम

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धीरे धीरे बूढ़ी हो रही हूँ नहीं पता क्या होगा मेरा साथ रहेगा या रह जाऊँगी अकेली सहारा बनूँगी या सहारा लूँगी सोचती हूँ चोटी मैं बनवाऊँगी दाढ़ी उनकी बनाऊँगी सड़क पार करते समय हाथ मेरा थामेंगे वो ...

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लेखक के बारे में
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मधुलिका साहू

बस भावों को कलमबद्ध कर मन शांत हो जाता है

समीक्षा
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    26 सितम्बर 2021
    वाह लाजबाव,आज ही ऐसा एक वीडियो देखा था। बड़ा ही अच्छा लगा एक दूसरे का साथ देते बुजुर्ग दम्पत्तियों को बड़ा ही मार्मिक लग रहा था। एक बुजुर्ग एक हाथ में लाठी वह दूसरे हाथ हसे अपनी संगिनी का हाथ पकडे चल रहे थे बुजुर्ग संगिनी भी कमर से ९०डिगरी पर झुकी एक हाथ अपने जीवनसाथी के साथ में और दूसरे से एक डण्डा लेकर चल रही थी।
  • author
    Vandna Solanki "वंदू"
    28 सितम्बर 2021
    वाह वाह, बहुत ही बढ़िया लिखा है आपने👌👌👌 उम्र के इस पड़ाव के लोगों की अंतर्व्यथा को बहुत ही भावपूर्ण तरीके से प्रस्तुत किया है।कभी मैं माँ बन जाऊँ कभी तुम पिता बन जाओ,,,एक दूजे का हाथ थामे जिंदगी के बचे सफर को पूरा करें।👏👏👏👏 मगर मेरा ये सपना पूरा न हो सका।😔
  • author
    11 नवम्बर 2021
    प्रेम के रसगुल्ले से बनी रचना । लेकिन बुढ़ापे में ऐसा ही होता हैं साईसार में लिखा हैं कि बुढ़ापे में दो ही लोग काम आते हैं एक अपनी बूढ़ी लुगाई और घर का कुत्ता । ये बात कितनी सही हैं मुझे नही मालुम 🙏🙏
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    26 सितम्बर 2021
    वाह लाजबाव,आज ही ऐसा एक वीडियो देखा था। बड़ा ही अच्छा लगा एक दूसरे का साथ देते बुजुर्ग दम्पत्तियों को बड़ा ही मार्मिक लग रहा था। एक बुजुर्ग एक हाथ में लाठी वह दूसरे हाथ हसे अपनी संगिनी का हाथ पकडे चल रहे थे बुजुर्ग संगिनी भी कमर से ९०डिगरी पर झुकी एक हाथ अपने जीवनसाथी के साथ में और दूसरे से एक डण्डा लेकर चल रही थी।
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    Vandna Solanki "वंदू"
    28 सितम्बर 2021
    वाह वाह, बहुत ही बढ़िया लिखा है आपने👌👌👌 उम्र के इस पड़ाव के लोगों की अंतर्व्यथा को बहुत ही भावपूर्ण तरीके से प्रस्तुत किया है।कभी मैं माँ बन जाऊँ कभी तुम पिता बन जाओ,,,एक दूजे का हाथ थामे जिंदगी के बचे सफर को पूरा करें।👏👏👏👏 मगर मेरा ये सपना पूरा न हो सका।😔
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    11 नवम्बर 2021
    प्रेम के रसगुल्ले से बनी रचना । लेकिन बुढ़ापे में ऐसा ही होता हैं साईसार में लिखा हैं कि बुढ़ापे में दो ही लोग काम आते हैं एक अपनी बूढ़ी लुगाई और घर का कुत्ता । ये बात कितनी सही हैं मुझे नही मालुम 🙏🙏