मैं अभी अभी हैदराबाद मे नई कम्पनी मे ज्वाइनिंग दी थी आदत के अनुसार रिजर्व रहती थी । बस जरूरत भर लोगों से बातचीत वही मेरे सामने बैठने वाली विपिन उसे कभी अपनी टेबिल पर बैठना तो जैसे आदत मे नहीं पर ...
आपकी कहानी मन को छू गयी । सच कहूँ ईमानदारी से ---? मुझे आज तक यह लगा ही नहीं कि कोई आदमी किसी महिला के लिये इतनी शिद्दत से प्यार कर सकता है । कम से कम निजी जीवन मे मुझे ऐसा देखने को नहीं मिला । इसलिये इस कहानी को पढ़कर बहुत अच्छा लगा । आगे की कल्पना मैने कर लिया कि अब शायद वे एक हो गए होंगे ।
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