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हम और हमारी कल्पनाएँ

4.4
314

प्रायः हमारी कल्पनाओ मे होते है आदर्षवादी अवतार अथवा आति मानव के रोमांचकारी चरित्र अपने दुःख लगते हे अति विभत्स जीवन की वैतरणी में डूबते हुए ढूंढते हे तिनको का सहारा हमे विष्वास होने लगता हमे तार ...

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समीक्षा
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    Preeti Karn
    15 अप्रैल 2019
    अत्यंत सुंदर रचना! कथा का प्रवाह धार की भांति अपने संग बहा लेता है आरंभ से अंतहीनता तक।
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    Preeti Karn
    15 अप्रैल 2019
    अत्यंत सुंदर रचना! कथा का प्रवाह धार की भांति अपने संग बहा लेता है आरंभ से अंतहीनता तक।