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हाउस हसबैंड !

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जब मैं और सोनम रिलेशनशिप में थे। जब सोनम अक्सर मुझे छेड़ती थी। खाना खुद बनाना पड़ेगा। कपड़े भी खुद ही धोने पड़ सकते है। मैं जॉब करूंगी तो हुकुम भी मेरा ही चलेगा। मैं उसकी हर बात पर हामी भरता था। ...

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लेखक के बारे में
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Journalist Deepak

छुटपन में एक नॉवेल पढ़ लिया, और सपना देख लिया कि हम भी लिख सकते हैं । बात इतने गहरे उतरी की खुद से किया वादा पूरा करने के लिए जैसे तैसे पत्रकारिता की पढ़ाई कर ली।  कई मित्र कहते है लिखिए लिखिए अच्छा है, मगर कईयों को लगता है बेटा क्यों ? मतलब क्या सोच कर यहां माथा खपा रहे हो ? खैर उलझन को सुलझा लेना ही जीवन है। जुटे है उलझन को सुलझाने में की आखिर है क्या ? इसी उलझन में लिखते रहते है।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Rajendra Patel
    05 जून 2022
    दिपक सर, सबसे पहले आपको अभिनंदन। समाज की रूढ़िवादी परंपरा पर प्रहार किया। मे समझता हु, पत्नि अगर डोक्टर, एन्जीनियर या कोई बहुत ही अच्छी पोस्ट पर कामकाज कर रही है, और, पति ईतना आगे नही बढा, तो कोई बात नही, पति घर के कामकाज देखेगा तो। वेस्टर्न कल्चर मे ये आम बात है। हम लोग एक स्त्री की कैरियर को अहमियत नही देते।
  • author
    निरंजना जैन
    04 जून 2022
    दीपक भाई,ये कहानी आपकी है या किसी और की,इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता।महत्वपूर्ण बात यह है, कि इसके माध्यम से आपने समाज की रूढ़िवादी व्यवस्था को इंगित करने का प्रयास किया।सुंदर प्रस्तुति।👌👌👌
  • author
    Bhagwati Ramanandi "भागु"
    04 जून 2022
    बहुत सुंदर और सार्थक लिखा आपने 👌👌👌 आज भी लोग इस बात को अपना नहीं पा रहे हैं , मर्द घर का काम करे और औरत नौकरी करे 👌👌👌
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    Rajendra Patel
    05 जून 2022
    दिपक सर, सबसे पहले आपको अभिनंदन। समाज की रूढ़िवादी परंपरा पर प्रहार किया। मे समझता हु, पत्नि अगर डोक्टर, एन्जीनियर या कोई बहुत ही अच्छी पोस्ट पर कामकाज कर रही है, और, पति ईतना आगे नही बढा, तो कोई बात नही, पति घर के कामकाज देखेगा तो। वेस्टर्न कल्चर मे ये आम बात है। हम लोग एक स्त्री की कैरियर को अहमियत नही देते।
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    निरंजना जैन
    04 जून 2022
    दीपक भाई,ये कहानी आपकी है या किसी और की,इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता।महत्वपूर्ण बात यह है, कि इसके माध्यम से आपने समाज की रूढ़िवादी व्यवस्था को इंगित करने का प्रयास किया।सुंदर प्रस्तुति।👌👌👌
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    Bhagwati Ramanandi "भागु"
    04 जून 2022
    बहुत सुंदर और सार्थक लिखा आपने 👌👌👌 आज भी लोग इस बात को अपना नहीं पा रहे हैं , मर्द घर का काम करे और औरत नौकरी करे 👌👌👌