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हौंसले की परीक्षा

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4.7

"वाक़िफ़ कहाँ ज़माना हमारी उड़ान से। वो और थे जो हार गए आसमान से ।।"                                   फहीम जोगपुरी की लिखीं ये पंक्तियां मेरे जीवन से कितनी मेल खाती हैं ये तो आप पढ़ कर ही समझ ...