"वाक़िफ़ कहाँ ज़माना हमारी उड़ान से। वो और थे जो हार गए आसमान से ।।" फहीम जोगपुरी की लिखीं ये पंक्तियां मेरे जीवन से कितनी मेल खाती हैं ये तो आप पढ़ कर ही समझ ...
मै प्रोफेसनल लेखक नहीं हूं। मै तो एक सरकारी कर्मचारी हूं जो खाली समय में कुछ लिखने की कोशिश करता रहता हूं। आप सब प्रिय पाठकों की अमूल्य समीक्षायें मुझे हमेशा उत्तरोत्तर सुधार, मार्गदर्शित और प्रेरित करती हैं।
सारांश
मै प्रोफेसनल लेखक नहीं हूं। मै तो एक सरकारी कर्मचारी हूं जो खाली समय में कुछ लिखने की कोशिश करता रहता हूं। आप सब प्रिय पाठकों की अमूल्य समीक्षायें मुझे हमेशा उत्तरोत्तर सुधार, मार्गदर्शित और प्रेरित करती हैं।
sir ye aapki story ye to pta nhi but
same to same kuchh yuhi mere sath bhi hua tha bs mai merit me nhi aa paya..
second difference job tha aapka Airforce tech. or mera Indian ALP..
Aap Success ho isliye apni story suna sakte ho.. mai sochta hu to dard hota hai..
second time definitely. clear krunga..
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