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हास्टल में भूत

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जी, हाँ! प्रभाकर गोपालपुरिया एक नई रोमांचक भूतही कहानी लेकर हाजिर है। इस कहानी में- कॉलेज के हास्टल में रहने वाला एक लड़का मरने के बाद भी हास्टल में अपने सहपाठियों के साथ रहने आ जा रहा है और जब ...

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लेखक के बारे में

प्रभाकर पाण्डेय जन्मतिथि :०१-०१-१९७६ जन्म-स्थान :गोपालपुर, पथरदेवा, देवरिया (उत्तरप्रदेश) शिक्षा :एम.ए (हिन्दी), एम. ए. (भाषाविज्ञान)  पिछले 18-19 सालों से हिन्दी की सेवा में तत्पर। पूर्व शोध सहायक (Research Associate), भाषाविद् के रूप में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.) मुम्बई के संगणक एवं अभियांत्रिकी विभाग में भाषा और कंप्यूटर के क्षेत्र में कार्य। कई शोध-प्रपत्र राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में प्रस्तुत। वर्तमान में सी-डैक मुख्यालय, पुणे में कार्यरत। विभिन्न हिंदी, भोजपुरी पत्र-पत्रिकाओं में नियमित लेखन।

समीक्षा
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    Gaurav Shinde
    14 अप्रैल 2018
    महाराज कहानी का saspens तो आपने कहानी के सुरु होने के पेहले ही खोल दिया था रोचकता ओर डर की अनुभुती केसे होगी.. क्यो बताया कि यह कहानी एक एसे लड्के की हे जो मरने के बाद वापस अपने होस्ट्ल आ गया..
  • author
    01 मई 2018
    पढ़ कर मज़ा आ गया लेकिन ये भूतिया कम कामेडी ज्यादा था। डिस्क्लेमर आपने बहुत लम्बा-चौड़ा दिया हुआ है।
  • author
    समय गुप्त "Samay Gupt"
    21 अक्टूबर 2017
    kafi waqt pahle ye Story suni thi aur achhi bhi hai lekin starting me pakaya bahut
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    Gaurav Shinde
    14 अप्रैल 2018
    महाराज कहानी का saspens तो आपने कहानी के सुरु होने के पेहले ही खोल दिया था रोचकता ओर डर की अनुभुती केसे होगी.. क्यो बताया कि यह कहानी एक एसे लड्के की हे जो मरने के बाद वापस अपने होस्ट्ल आ गया..
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    01 मई 2018
    पढ़ कर मज़ा आ गया लेकिन ये भूतिया कम कामेडी ज्यादा था। डिस्क्लेमर आपने बहुत लम्बा-चौड़ा दिया हुआ है।
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    समय गुप्त "Samay Gupt"
    21 अक्टूबर 2017
    kafi waqt pahle ye Story suni thi aur achhi bhi hai lekin starting me pakaya bahut