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होली के दिन अपनी तो हो ली

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4.1

सुबह सुबह दूध लाने के लिए घर से बाहर कदम रखा ही था कि ऊपर से आये एक लोटे रंग ने मेरे सारे कपड़ों का सत्यानाश कर दिया। गालियों का एक गुब्बारा मेरे मन में फूला और उसका लोकार्पण करने के लिए मैंने गुस्से ...