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होली के दिन अपनी तो हो ली

4.1
810

सुबह सुबह दूध लाने के लिए घर से बाहर कदम रखा ही था कि ऊपर से आये एक लोटे रंग ने मेरे सारे कपड़ों का सत्यानाश कर दिया। गालियों का एक गुब्बारा मेरे मन में फूला और उसका लोकार्पण करने के लिए मैंने गुस्से ...

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लेखक के बारे में
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संजीव निगम

जन्मतिथि - १६ अक्तूबर हर परिस्थिति या घटना को एक अलग नज़र से देखने वाले हिंदी के चर्चित रचनाकार.संजीव निगम कविता, कहानी,व्यंग्य लेख , नाटक आदि विधाओं में सक्रिय रूप से लेखन कर रहे हैं. अनेक पत्रिकाओं-पत्रों में रचनाओं का लगातार प्रकाशन हो रहा है. मंचों , आकाशवाणी और दूरदर्शन से रचनाओं का नियमित प्रसारण. रचनाएं कई संकलनों में प्रकाशित हैं जैसे कि : 'नहीं अब और नहीं', 'काव्यांचल',' अंधेरों के खिलाफ','मुंबई के चर्चित कवि' आदि . कई सम्मान प्राप्त जिनमे कथाबिम्ब कहानी पुरस्कार, व्यंग्य लेखन पर रायटर्स एंड जर्नलिस्ट्स असोसिअशन सम्मान, प्रभात पुंज पत्रिका सम्मान,अभियान संस्था सम्मान आदि शामिल हैं. एक अत्यंत प्रभावी वक्ता और कुशल मंच संचालक भी. कुछ टीवी धारावाहिकों का लेखन भी किया है. इसके अतिरिक्त 18 कॉर्पोरेट फिल्मों का लेखन भी.स्वाधीनता संग्राम और कांग्रेस के इतिहास पर ' एक लक्ष्य एक अभियान ' नाम से अभिनय-गीत- नाटक मय स्टेज शो का लेखन जिसका मुंबई में कई बार मंचन हुआ. गीतों का एक एल्बम प्रेम रस नाम से जारी हुआ है. आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से 16 नाटकों का प्रसारण.

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Devendra Verma
    20 July 2020
    holi h bura na mano bhai
  • author
    Mintu Kumar
    22 October 2020
    हमारे यहां भी ऐसी ही हॉली की खुशी बाटी जाती हैं
  • author
    Mala Halvadiya
    22 September 2020
    badiaya holi ki yaad aa gai
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  • author
    Devendra Verma
    20 July 2020
    holi h bura na mano bhai
  • author
    Mintu Kumar
    22 October 2020
    हमारे यहां भी ऐसी ही हॉली की खुशी बाटी जाती हैं
  • author
    Mala Halvadiya
    22 September 2020
    badiaya holi ki yaad aa gai