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हिसाब किताब

5
6

सही है के होता ये जीवन का आरंभ , बचपन की उस निश्छल शुरुआत से।   जो नहीं जानता क्या है अच्छा या बुरा, मौत और जिन्दगी के मायने नहीं जिसको याद। मगर फिर जीवन के झमेलों में पड़ कर, करता है  न जाने ...

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लेखक के बारे में
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'स्नेह, शर्मा

मैं स्नेह शर्मा बालचंद पाडाबून्दी राजस्थान की रहने वाली हूं।पढने के शौक के कारण प्रतिलिप से जुड़ी हूं। लिखने का शौक भी हमेशा से रहा है,कई लेख पत्रीकाओं एवं अखबारों में छप भी चुके है । अब फिर से अपने शौक को पंख दे रही हूं।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    29 नवम्बर 2022
    वाह जी वाह, बहुत सुंदर और सार्थक विवेचना की है आपने, विषय की सार्थकता दर्शाती उम्दा पेशकश,, जय श्री राम, 💐🙏🙂
  • author
    29 नवम्बर 2022
    अंत में होता है हर कर्म का हिसाब.... उम्दा प्रस्तुति.
  • author
    Sandip Sharmaz . Sharmaz "Lucky"
    29 नवम्बर 2022
    सही कहा।गहराई हैं।उम्दा लेखन। जय श्रीराम जय श्रीकृष्ण।
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    29 नवम्बर 2022
    वाह जी वाह, बहुत सुंदर और सार्थक विवेचना की है आपने, विषय की सार्थकता दर्शाती उम्दा पेशकश,, जय श्री राम, 💐🙏🙂
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    29 नवम्बर 2022
    अंत में होता है हर कर्म का हिसाब.... उम्दा प्रस्तुति.
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    Sandip Sharmaz . Sharmaz "Lucky"
    29 नवम्बर 2022
    सही कहा।गहराई हैं।उम्दा लेखन। जय श्रीराम जय श्रीकृष्ण।