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हिन्दी

हिंसा परम धर्म

4.6
3592

दुनिया में कुछ ऐसे लोग होते हैं, जो किसी के नौकर न होते हुए सबके नौकर होते हैं, जिन्हें कुछ अपना काम न होने पर भी सिर उठाने की फ़ुर्सत नहीं होती। जामिद इसी श्रेणी के मनुष्यों में था। बिल्कुल ...

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लेखक के बारे में

मूल नाम : धनपत राय श्रीवास्तव उपनाम : मुंशी प्रेमचंद, नवाब राय, उपन्यास सम्राट जन्म : 31 जुलाई 1880, लमही, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) देहावसान : 8 अक्टूबर 1936 भाषा : हिंदी, उर्दू विधाएँ : कहानी, उपन्यास, नाटक, वैचारिक लेख, बाल साहित्य   मुंशी प्रेमचंद हिन्दी के महानतम साहित्यकारों में से एक हैं, आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह माने जाने वाले प्रेमचंद ने स्वयं तो अनेकानेक कालजयी कहानियों एवं उपन्यासों की रचना की ही, साथ ही उन्होने हिन्दी साहित्यकारों की एक पूरी पीढ़ी को भी प्रभावित किया और आदर्शोन्मुख यथार्थवादी कहानियों की परंपरा कायम की|  अपने जीवनकाल में प्रेमचंद ने 250 से अधिक कहानियों, 15 से अधिक उपन्यासों एवं अनेक लेख, नाटक एवं अनुवादों की रचना की, उनकी अनेक रचनाओं का भारत की एवं अन्य राष्ट्रों की विभिन्न भाषाओं में अन्यवाद भी हुआ है। इनकी रचनाओं को आधार में रखते हुए अनेक फिल्मों धारावाहिकों को निर्माण भी हो चुका है।

समीक्षा
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  • author
    Swapnil Rawal
    30 जून 2020
    कहानी की तारीफ के लिए शब्द नहीं है. परंतु एक बात का सबूत भी देती है की ये साहित्य बहुत पुराने समय मे लिखा गया और तब से हिंदु औरतो के साथ ये होता था. ये आज किसी पार्टी का लिखा हुआ राजनीतिक फायदे के लिए नही है. ये जिस इंसान ने लिखा है वो गलत हो नहीं सकता. जिस समय लिखा तब का अनुभव होगा
  • author
    lalchand seth
    22 मई 2018
    munsi ji ka jawab nahi.kohinoor ki tarah beshkimiti hai .
  • author
    Manish Pathak
    25 अप्रैल 2020
    munshi premchandra ki kahaniyan sajiv ghatna par adharit hoti h, jo ki logo k liye preranashrot hoti h.
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    Swapnil Rawal
    30 जून 2020
    कहानी की तारीफ के लिए शब्द नहीं है. परंतु एक बात का सबूत भी देती है की ये साहित्य बहुत पुराने समय मे लिखा गया और तब से हिंदु औरतो के साथ ये होता था. ये आज किसी पार्टी का लिखा हुआ राजनीतिक फायदे के लिए नही है. ये जिस इंसान ने लिखा है वो गलत हो नहीं सकता. जिस समय लिखा तब का अनुभव होगा
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    lalchand seth
    22 मई 2018
    munsi ji ka jawab nahi.kohinoor ki tarah beshkimiti hai .
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    Manish Pathak
    25 अप्रैल 2020
    munshi premchandra ki kahaniyan sajiv ghatna par adharit hoti h, jo ki logo k liye preranashrot hoti h.