गीता में भगवान कृष्णचंद्र ने गुण कर्म के विभाग पर बड़ा जोर दिया और सिद्ध कर दिया है कि मानव जाति का बनना बिगड़ना सत्व रज तम इन गुण और सात्विकी राजसी तामसी इन तीन प्रकार के कर्म पर निर्भर है। ...
गीता में भगवान कृष्णचंद्र ने गुण कर्म के विभाग पर बड़ा जोर दिया और सिद्ध कर दिया है कि मानव जाति का बनना बिगड़ना सत्व रज तम इन गुण और सात्विकी राजसी तामसी इन तीन प्रकार के कर्म पर निर्भर है। ...