शाम ढल चुकी थी। मन मे एक कौतुहल लिए घरवाले उसका इतंजार कर रहे थे। किन्तु उदाशी के साथ उसके घर मे प्रवेश करते ही हर चेहरे से वह कौतुहल गायब हो गया। कमल कुर्सी खींचकर बैठ गया और छोटी बहन पानी देकर बगल ...
शाम ढल चुकी थी। मन मे एक कौतुहल लिए घरवाले उसका इतंजार कर रहे थे। किन्तु उदाशी के साथ उसके घर मे प्रवेश करते ही हर चेहरे से वह कौतुहल गायब हो गया। कमल कुर्सी खींचकर बैठ गया और छोटी बहन पानी देकर बगल ...