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नब्बे के दशक में घर पर टेलीफोन का होना एक स्टेटस सिंबल था, और वो भी दिल्ली में I मुझे अभी तक याद है की मुझसे मिलने के बाद दो सज्जनों ने मुझे अगले ही दिन सिर्फ़ ये देखने के लिए फ़ोन किया था कि जो ...

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लेखक के बारे में

A story writer who writes life in Hindi and English both.

समीक्षा
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    Rajjo Rani
    03 नोव्हेंबर 2021
    उस व्यक्ति का पेंच ढीला नहीं था। तमिल, तेलगू, मलियाली लोग हिंदी से घृणा करते हैं। तभी तो सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनने का विरोध किया था संसद में। नेहरू ने उनकी बात मान ली साथ ही उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस घोषित कर उन्हें पुरस्कार भी दिया क्योंकि उन्होने हिंदी को नीचा दिखाया था इसलिए।
  • author
    MUMTAZ 🇮🇳
    19 मार्च 2021
    mtlb wo aadmi hr baat m khud ko behtar sabit krna chahta tha.... jb or kuch nhi mila to bacchon k piche hi sunana shuru ho gya.... hota h kbhi kbhi humare saath.... mil jata h koi Dukhiyaaraa jo dooosre ko dukhi krke khush ho jata h...
  • author
    09 सप्टेंबर 2017
    अति सुंदर...लेखन ऐसा लग रहा था सब कुछ आंखों के सामने हो रहा है...अखबार की लाश , चिड़चिड़ी पत्नी व हताश पति का चित्रण ....बहुत अच्छी..अभिव्यक्ति!
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    Rajjo Rani
    03 नोव्हेंबर 2021
    उस व्यक्ति का पेंच ढीला नहीं था। तमिल, तेलगू, मलियाली लोग हिंदी से घृणा करते हैं। तभी तो सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनने का विरोध किया था संसद में। नेहरू ने उनकी बात मान ली साथ ही उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस घोषित कर उन्हें पुरस्कार भी दिया क्योंकि उन्होने हिंदी को नीचा दिखाया था इसलिए।
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    MUMTAZ 🇮🇳
    19 मार्च 2021
    mtlb wo aadmi hr baat m khud ko behtar sabit krna chahta tha.... jb or kuch nhi mila to bacchon k piche hi sunana shuru ho gya.... hota h kbhi kbhi humare saath.... mil jata h koi Dukhiyaaraa jo dooosre ko dukhi krke khush ho jata h...
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    09 सप्टेंबर 2017
    अति सुंदर...लेखन ऐसा लग रहा था सब कुछ आंखों के सामने हो रहा है...अखबार की लाश , चिड़चिड़ी पत्नी व हताश पति का चित्रण ....बहुत अच्छी..अभिव्यक्ति!