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अर्पण

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प्रकृति

कलिमल हारिणी गंगा, मोक्ष दायिनी गंगा | पतित पावनी गंगा, रोग विनाशिनी गंगा | शंकर मौलि से निकल धरा पर आई गंगा | तटों पर सभ्यताएँ बसा, बढ़ती जाती गंगा | गंगोत्री से गंगा सागर तक विचरती गंगा | सुधा ...

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लेखक के बारे में

सुनीता माहेश्वरी का जन्म अलीगढ़ में एक संभ्रांत परिवार में हुआ। इनकी माता श्रीमती चंद्रवती केला तथा पिता श्री राम स्वरूप केला अत्यंत धार्मिक प्रवृत्ति के थे | संस्कारों से सजे वातावरण में इनका पालन पोषण हुआ | इन्होंने एम. ए.(संस्कृत,हिंदी) तथा एम. एड. किया। इसके बाद इन्होंने निर्मला कॉन्वेंट स्कूल रेनुकूट तथा दी आदित्य बिड़ला पब्लिक स्कूल रेनुकूट में शिक्षण कार्य किया। संप्रति अवकाश प्राप्त कर हिंदी लेखन कर रही हैं। समाज की समस्याओं के प्रति सजग लेखिका श्रीमती सुनीता माहेश्वरी कवयित्री होने के साथ कथाकार भी हैं।आपकी एकल पुस्तकें हैं - "अर्पण" (काव्य संग्रह), “धरा से अंबर तक” (कहानी संग्रह), “हृदय के उद्गार अनेक रंग में” (छंदबद्ध काव्य संग्रह), इसमें 42 प्रकार के छंदों में गीत, मुक्तक, छंद, कविता विविध विषयों पर संग्रहित हैं। “जिंदगी के गलियारों से” (कहानी संग्रह) तथा भोर की स्वर्णिम आभा (छंदबद्ध काव्य कृति )प्रकाशित हो चुकी है | ये पुस्तकें किंडल पर भी उपलब्ध हैं। "बाबुल हम तोरे अंगना की चिड़ियाँ", "काव्य सुगंधा, "राष्ट्रीय चेतना के मूल तत्व" "सोमालोब पुष्प" आदि कई साझा संग्रह में भी रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं | प्रतिष्ठित पत्रिकाओं - गृहशोभा, जागरण सखी, साहित्य परिक्रमा, हिंदी विवेक -में भी रचनाएं प्रकाशित होती हैं | आकाशवाणी नाशिक तथा अनेक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय समृद्ध पटल पर ये काव्य पाठ तथा कहानी पाठ करती रहती हैं। कवि सम्मेलन में काव्यपाठ तथा संचालन करने में रुचि है। सम्मान- अखिल भारतीय साहित्य परिषद महाराष्ट्र नाशिक इकाई द्वारा "साहित्यकार सम्मान", काव्य सृजन परिवार द्वारा "छंद साधक सम्मान", "ज़िंदगी के गलियारों से" कहानी संग्रह पर महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी द्वारा मुंशी प्रेमचंद पुरस्कार तथा विद्योत्तमा फाउंडेशन द्वारा- "ज़िंदगी के गलियारों से" कहानी संग्रह पर विद्योत्तमा साहित्य सारथी सम्मान, "धरा से अंबर तक" कहानी संग्रह पर राधा अवधेश स्मृति कथा सम्मान, "हृदय के उद्गार अनेक रंग में" को हिंदी लेखिका संघ मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा श्री वासुदेव प्रसाद खरे स्मृति पुरस्कार। माहेश्वरी राष्ट्रीय साहित्य समिति द्वारा कविता के लिए पुरस्कृत विविध साहित्यिक संस्थाओं से जुड़कर साहित्य सेवा कर रही हैं । अखिल भारतीय साहित्य परिषद नाशिक (उपाध्यक्ष) साहित्य सरिता हिंदी मंच नाशिक (सचिव), विद्योत्तमा फाउंडेशन ,नाशिक ( सचिव प्रशासन), राष्ट्रीय कवि संगम – उपाध्यक्ष नाशिक शाखा | महिला काव्य मंच नाशिक, अध्यक्ष यू ट्यूब चैनल – दिल की कलम से

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    hari maheshwari
    22 नवम्बर 2015
    गंगा कथा व्यथा कविता में कवयित्री ने  गंगा की वर्तमान स्थिति का मार्मिक चित्रण करते हुए मानव जाति को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है | कविता अत्यंत  हृदय स्पर्शी है |
  • author
    Suman Maheah
    21 अप्रैल 2017
    Very good work Sunita keep it up
  • author
    23 जुलाई 2016
    बहुत ही खूबसूरत
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  • author
    hari maheshwari
    22 नवम्बर 2015
    गंगा कथा व्यथा कविता में कवयित्री ने  गंगा की वर्तमान स्थिति का मार्मिक चित्रण करते हुए मानव जाति को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है | कविता अत्यंत  हृदय स्पर्शी है |
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    Suman Maheah
    21 अप्रैल 2017
    Very good work Sunita keep it up
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    23 जुलाई 2016
    बहुत ही खूबसूरत