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Hindi Poetry For Maa

4.4
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Rahul Islam

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लेखक के बारे में
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Rabiul Islam

पश्चिम बंगाल के एक छोटे से गांव "फारस पुर" के रहने वाले रबीउल इस्लाम, जो खुली आँखों में सपनें देखा करते थे, और अपने सपनों को हक़ीक़त में बदलने के लिए रबीउल ने क़लम उठाया, और अपने सपने को शब्द देकर आप तक पहुँचाया, और आपने रबीउल के इस सपने के सफ़र को साकार करने का मौक़ा दिया, इसके लिए आभार। प्रतिलिपि के अलावा रबीउल ने और भी तीन बेहतरीन कहानियां Amazon पर लिखा है 1, "मैं फिर भी जीना चाहूँगा" 2, "लव ओर कोम्प्रोमाईज़" 3, "ये मेरी वर्कर डे" 4, "कल्पना, हमारे देश की बेटी" 5, "I Would Still Alive" ये सभी कहानियां आपका प्यारा सा दोस्त रबीउल इस्लाम ने लिखा है। आप amazon में सर्च करके प्राप्त कर सकते हैं, "धन्यवाद" ईमेल : [email protected]

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    manoj kumar
    29 जुलाई 2018
    बहुत अच्छा लगा
  • author
    BRIJ BHOOSHAN KHARE
    04 जुलाई 2018
    बहुत अच्छी अभिव्यक्ति. बेहतरीन लेखन. पढ़ कर बहुत अच्छा लगा.
  • author
    vajida sayyed
    09 फ़रवरी 2019
    बहुत खुब जनाब...तमाम बातें रख दी सामने...एक माँ की...
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
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    manoj kumar
    29 जुलाई 2018
    बहुत अच्छा लगा
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    BRIJ BHOOSHAN KHARE
    04 जुलाई 2018
    बहुत अच्छी अभिव्यक्ति. बेहतरीन लेखन. पढ़ कर बहुत अच्छा लगा.
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    vajida sayyed
    09 फ़रवरी 2019
    बहुत खुब जनाब...तमाम बातें रख दी सामने...एक माँ की...