हर ज़िंदगी एक कविता है जिसमें जीवन ने हज़ारों मंजुल रंग भरे हैं परंतु साथ ही एक अनलिखित शर्त भी रखी है कि इन कविताओं की थाह वही पा सकता हैं जो संवेदनशील हो,जो समानभूति से ओतप्रोत हो - यही मेरा अटल विश्वास सदैव रहा है!
ज़िन्दगी को समझने की,उसकी थाह पाने का मेरा प्रयास और कविताओं के रूप में उन भावनाओं कीअभिव्यक्ति मेरे लिए अत्यन्त मायने रखती है।
'हौसले ' मेरा काव्य संकलन मेरी अभिव्यक्ति का माध्यम है।अब तक एक झिझक और संकोच मुझे पाठकों तक पहुंचने न दे रहे थे परन्तु आज हौसले आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रहे हैं!
2018 में मेरी 20 कविताओं की शुरुआत आंख झपकते ही जैसे 1500 से अधिक रचनाओं में तबदील हो गईं! यह चार वर्ष मेरे जीवन के सबसे सार्थक,ख़ूबसूरत वर्ष रहे हैं! पाठकों से जो प्यार और प्रोत्साहन मिला वही मेरी प्रेरणा है! ज़िंदगी के इस पड़ाव पर मेरी अपेक्षा से अधिक मुझे प्राप्त हुआ- प्रतिलिपि के मंच ने अभिव्यक्ति का ऐसा मंच दिया जिसके लिए सदा शुक्रगुज़ार,अत्यन्त आभारी हूूं !
मीना मल्लवरपु
रिपोर्ट की समस्या
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