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'हिमाद्रि तुंग श्रृंग से' (कविता) जयशंकर प्रसाद

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हिमाद्रि तुंग शृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारती स्वयं प्रभा समुज्ज्वला स्वतंत्रता पुकारती' अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ़- प्रतिज्ञ सोच लो, प्रशस्त पुण्य पंथ है, बढ़े चलो, बढ़े चलो! 'असंख्य ...

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लेखक के बारे में
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Prof INDU SINGH

भूतपूर्व प्रवक्ता विवेकानन्द डिग्री कॉलेज, हैदराबाद (अलग-अलग विद्यालयों एवं कॉलेज में लगभग 12 वर्षों का शिक्षण अनुभव)

समीक्षा