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हे केशव!

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हे केशव! क्यों तुम इतने मौन हो, मां कहती है, तुम सर्वशक्तिमान हो, तुम भगवान हो, फिर देखते क्यों नहीं, हो रहे इतने अत्याचार,  मलिन हो रहे सब के विचार, चारों ओर मच रहा हाहाकार, क्यों नहीं लेते  तुम ...

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लेखक के बारे में
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Snehlata Singh

बड़े भाग मानुष तन पायो, कर सद्कर्म प्रभु धाम को जायो, इतनी अरज हे ,प्रभु है तुमसे, जो मैं भटकू राह दिखायो.....🙏🙏🙏 चरणों में तेरे फूल समर्पित🙏 मेरा सारा जीवन अर्पित,🙏🙏

समीक्षा
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    Meena Verma
    13 अगस्त 2023
    lovely
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    Meena Verma
    13 अगस्त 2023
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