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हार्ट अॉफ ओशन

3.7
9221

एक लड़की थी दिवानी सी।उसकी मम्मा ने बहुत सोच समझ कर उसका नाम कली रखा था । सच में वो वैसी ही थी बिल्कुल अनछुई दुनिया के झूठ और फरेब से कोसों दूर बचपन से ही हर लड़की की तरह उसका भी सपना था ।कोई ...

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लेखक के बारे में

नाम :- नेहा अग्रवाल नेह जन्म :- 19 अप्रैल शिक्षा :- एम .एस.सी ( रसायनशास्त्र ) लेखन विधा :- लघुकथा ,कहानी ,कविता,व्यंग्य,पत्र,लेख दैनिक भास्कर मधुरिमा , दैनिक जागरण , साहित्य अमृत, मृगमरीचिका, साधव्यूज, साहित्य सरोज ,परतों की पड़ताल , लोकजंग ,दैनिक अकुंर , नवप्रदेश ,अट्टहास , दैनिक मैट्रो ,साफ्ताहिक अकोदिया सम्राट ,प्रतिलिपि ,योर कोट्स ,मातृ भारती ,स्टोरी मिरर, हिन्दी रचना संसार , हैक जिन्दगी , साहित्यपीडिया , किस्सा कृति , सत्य की मशाल ,आगमन ,गृहलक्ष्मी , पर रचनाएं प्रकाशित प्रकाशित कृतियाँँ :- बूँद - बूँद सागर ( लघुकथा संग्रह ) , फलक ( लघुकथा संग्रह ),अपने अपने क्षितिज ( लघुकथा संग्रह ),काव्य सुरभि ( काव्य संग्रह ) सम्पादित कृति :- स्वप्नगंधा काव्य संग्रह फोन :- 9410405901 ईमेल:- [email protected]

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Vineeta Raizada
    30 ఆగస్టు 2018
    कहानी का कोई सिर पैर होना चाहिए।हॉलीवुड फिल्मों की थीम्स मिला देने से कहानी नही बनती।अपनी ओरिजिनल थीम लीजिये।
  • author
    रूहेला सागर
    03 నవంబరు 2018
    कहानी में पाठक को बांधने वाला कुछ भी नहीं है। सब घटनाक्रम बोझिल सा लगता है।
  • author
    Rani Kumari
    17 జులై 2018
    काफी हड़बड़ी में लिखी हुई मालूम होती है,सच से कोसो दूर ,इससे बेहतर का प्रयास करें।
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    Vineeta Raizada
    30 ఆగస్టు 2018
    कहानी का कोई सिर पैर होना चाहिए।हॉलीवुड फिल्मों की थीम्स मिला देने से कहानी नही बनती।अपनी ओरिजिनल थीम लीजिये।
  • author
    रूहेला सागर
    03 నవంబరు 2018
    कहानी में पाठक को बांधने वाला कुछ भी नहीं है। सब घटनाक्रम बोझिल सा लगता है।
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    Rani Kumari
    17 జులై 2018
    काफी हड़बड़ी में लिखी हुई मालूम होती है,सच से कोसो दूर ,इससे बेहतर का प्रयास करें।