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हज़रत ए माैला अली का इंसाफ़

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दो आदमी किसी दूर-दराज़ के सफ़र में थे जब चलते-चलते काफ़ी वक्त गुज़र गया ताे भूख़ का एहसास हाेने पर वे दाेनाें एक साथ खाना खाने के लिए बैठे उसमें से एक के पास पाँच रोटियाँ थी और दूसरे के पास तीन ...

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लेखक के बारे में
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Zeeshan Ahmad Khan

समाज के प्रति समर्पित, शाैक: हाॅरर तथा ऐतिहासिक कहानियाँ पढ़ने का बहुत शाैक है, ज़्यादातर ग्रामीण परिवेश व इस्लामिक मान्यताओं से जुड़े विषयाें पर लिखने की काेशिश करता हूँ.....! संस्थापक: फैज़ान ए हसन वेलफेयर ट्रस्ट. पता: ग्राम व पाेस्ट: औरंगाबाद, तहसील मिश्रित, ज़िला सीतापुर, उत्तर-प्रदेश, भारत, पिन काेड: 261403 माेबाईल नम्बर: 9454257895 ई-मेल: [email protected]

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Shadiya Afroz
    22 सितम्बर 2022
    Behad Umda Lajawab Tehreer, Waqai Hazrat e Maula Ali Kar'ramallahu Ta'ala Waj'jahul Kareem Baab ul Ilm Hain.....!
  • author
    Maher Afroz Khan "Chandbibi"
    11 मार्च 2022
    Bahut Umda Lajawab Hikayat Pesh Ki Hai Aapne.....! Maula Ali Kar'ramallahu Ta'ala Waj'jahul Kareem Baab ul Ilm Hain.....!
  • author
    Sarita S
    12 मार्च 2022
    बहुत सुंदर, अच्छी सीख देती कहानी , ज्यादा लालच भी सही नहीं 👌👌👌👌🙏🌷
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    Shadiya Afroz
    22 सितम्बर 2022
    Behad Umda Lajawab Tehreer, Waqai Hazrat e Maula Ali Kar'ramallahu Ta'ala Waj'jahul Kareem Baab ul Ilm Hain.....!
  • author
    Maher Afroz Khan "Chandbibi"
    11 मार्च 2022
    Bahut Umda Lajawab Hikayat Pesh Ki Hai Aapne.....! Maula Ali Kar'ramallahu Ta'ala Waj'jahul Kareem Baab ul Ilm Hain.....!
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    Sarita S
    12 मार्च 2022
    बहुत सुंदर, अच्छी सीख देती कहानी , ज्यादा लालच भी सही नहीं 👌👌👌👌🙏🌷