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हाय रे ब्रेकअप

4.2
34

ब्रेकअप ब्रेकअप ब्रेकअप। फोन टाइम से नहीं उठाया तो ब्रेकअप, कॉल नहीं कर पाया तो ब्रेकअप, बर्थडे भूल गया तो ब्रेकअप, किसी फ्रेंड के साथ घूम लिया तो ब्रेकअप, तारीफ नहीं की तो ब्रेकअप, औरों की तारीफ ...

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लेखक के बारे में
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shiva

गैरमुकम्मल सी जिंदगी, वक़्त की बेतहाशा रफ्तार। रात इकाई, नीद दहाई, ख्वाब सैकड़ा, दर्द हजार........ 🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    AnshuPriya Agrawal
    22 फ़रवरी 2020
    प्रतिलिपि की महत्ता साहित्य को निखारना है अविद्या और तम को मिटाना है ऐसे शीर्षक से स्वस्थ चिंतन कैसे हो? बिना उचित चर्चा के मंच सार्थक कैसे हो? बहुत ही शब्द सही मुद्दा उठाया आपने बहुत ही सही लिखा, हमारी भारतीय संस्कृति का त्याग करना यह सब परेशानियों का कारण है बहुत ही सार्थक सृजन
  • author
    डॉ रेनु सिंह
    22 फ़रवरी 2020
    बहुत ही सार्थक रचना।ब्रेकअप तो बिना शादी के तलाक तलाक तलाक हो गया है।अपनी संस्कृति से दूर होते जाना इन सब दुर्गतियों का कारण है।
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    AnshuPriya Agrawal
    22 फ़रवरी 2020
    प्रतिलिपि की महत्ता साहित्य को निखारना है अविद्या और तम को मिटाना है ऐसे शीर्षक से स्वस्थ चिंतन कैसे हो? बिना उचित चर्चा के मंच सार्थक कैसे हो? बहुत ही शब्द सही मुद्दा उठाया आपने बहुत ही सही लिखा, हमारी भारतीय संस्कृति का त्याग करना यह सब परेशानियों का कारण है बहुत ही सार्थक सृजन
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    डॉ रेनु सिंह
    22 फ़रवरी 2020
    बहुत ही सार्थक रचना।ब्रेकअप तो बिना शादी के तलाक तलाक तलाक हो गया है।अपनी संस्कृति से दूर होते जाना इन सब दुर्गतियों का कारण है।