हथेली में सरसों कभी मत उगाना अगर हो सके तो हमें भूल जाना सितारों के आगे जहाँ क्या बनाए बिखरता दिखे है, लुटा सा जमाना कभी बदलियां हो उधर यूँ समझना कुहासे घिरा है मेरा आशियाना कवायद ये कैसी, कहानी कहाँ ...
हथेली में सरसों कभी मत उगाना अगर हो सके तो हमें भूल जाना सितारों के आगे जहाँ क्या बनाए बिखरता दिखे है, लुटा सा जमाना कभी बदलियां हो उधर यूँ समझना कुहासे घिरा है मेरा आशियाना कवायद ये कैसी, कहानी कहाँ ...