pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

हास्य उपहास

5
9

हास्य और उपहास की। दुनिया है निराली। जो कह सके ना उपहास में। वो हास्य में कह डाली करते रहे जब हास्य तो। देते रहे ताली। बारी आई उपहास की। मिलने लगी गाली। कैसी ये परम्परा। ये कैसा रिवाज है। विन हास्य ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
bittu ❤️❤️❤️

sweetu

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    05 ഏപ്രില്‍ 2022
    हास्य और उपहार की दुनिया हैं निराली जो कह सके ना उपहार में वो हास्य में कह डाली.... बहुत ही बढ़िया लिखा हैं आपने बेहतरीन प्रस्तुति रचना .... ✍....👍👍👍👍👌👌👌👌 👌👌👌👌👌👌👏👏👏👏👏💯💯💯💯💯💯
  • author
    Anita Anand "🧧✍✍"
    05 ഏപ്രില്‍ 2022
    वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह हास्य और उपहास के बीच अंतर समझाती सुंदर रचना।👌👌👍👌👌 बहुत सुंदर सार्थक सटीक लिखा आपने।
  • author
    Neena Mahajan "नीर"
    05 ഏപ്രില്‍ 2022
    हास्य और उपहास का अंतर सरल शब्दों में... वाह 👏👏👌👌
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    05 ഏപ്രില്‍ 2022
    हास्य और उपहार की दुनिया हैं निराली जो कह सके ना उपहार में वो हास्य में कह डाली.... बहुत ही बढ़िया लिखा हैं आपने बेहतरीन प्रस्तुति रचना .... ✍....👍👍👍👍👌👌👌👌 👌👌👌👌👌👌👏👏👏👏👏💯💯💯💯💯💯
  • author
    Anita Anand "🧧✍✍"
    05 ഏപ്രില്‍ 2022
    वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह हास्य और उपहास के बीच अंतर समझाती सुंदर रचना।👌👌👍👌👌 बहुत सुंदर सार्थक सटीक लिखा आपने।
  • author
    Neena Mahajan "नीर"
    05 ഏപ്രില്‍ 2022
    हास्य और उपहास का अंतर सरल शब्दों में... वाह 👏👏👌👌