फटी ज़मीन पर चादर बिछाकर सो लेते है यारों हम ऐसे ही जी लेते है यारों फटे कुर्ते से हम रूमाल गंजी बनाते है यारों गरमी में देह ढकने के बहुत काम आते है यारों हम ऐसे ही जी लेते है यारों दूध न मिले तो ...
ये एक बाला की जीवन और जिन्दगी की कहानी है कैसे एक बाला (लडकी )। अपने जीवन मे संघर्ष पल को जीती है ओर मुस्कुराती रहती है अपने पलों को को यू छुपा कर जीती है ओर मुस्कुरा कर लोगों को विमोहित करती है जैसे --
,कुडी (लड़की ) की फटी समीज को दूसरी फटी चुन्नी ( दुपट्टा ) से ढंक लेते है यारों , हम तो ऐसे ही जीलेते है यारों,
जिन्दगी जीवन के उतार चढंाव में हास्य रस घोलने की कोशिश की गई है। आप एक बार पढ़े ओर बिना हँसे न रहेगे
-- जब आप पढ़ेंगे - बेढब बनारसी जी कि पंकित
: धोती न मिले तो बेधडंक अख़बार लपेटो,;
ओर लोग बिना हँसे नही रहते, ये अलग बात है हास्यरस की रचना करना भी आसान नही , बस यहंा तो कौशिस की गई है। निर्णय
तो आपके हाथो मे है, आप ईसे जो कह लीजिये ,
४:१०:२०१७
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
ये एक बाला की जीवन और जिन्दगी की कहानी है कैसे एक बाला (लडकी )। अपने जीवन मे संघर्ष पल को जीती है ओर मुस्कुराती रहती है अपने पलों को को यू छुपा कर जीती है ओर मुस्कुरा कर लोगों को विमोहित करती है जैसे --
,कुडी (लड़की ) की फटी समीज को दूसरी फटी चुन्नी ( दुपट्टा ) से ढंक लेते है यारों , हम तो ऐसे ही जीलेते है यारों,
जिन्दगी जीवन के उतार चढंाव में हास्य रस घोलने की कोशिश की गई है। आप एक बार पढ़े ओर बिना हँसे न रहेगे
-- जब आप पढ़ेंगे - बेढब बनारसी जी कि पंकित
: धोती न मिले तो बेधडंक अख़बार लपेटो,;
ओर लोग बिना हँसे नही रहते, ये अलग बात है हास्यरस की रचना करना भी आसान नही , बस यहंा तो कौशिस की गई है। निर्णय
तो आपके हाथो मे है, आप ईसे जो कह लीजिये ,
४:१०:२०१७
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या