pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

हँसी के फ़व्वारे

4
367

फटी ज़मीन पर चादर बिछाकर सो लेते है यारों हम ऐसे ही जी लेते है यारों फटे कुर्ते से हम रूमाल गंजी बनाते है यारों गरमी में देह ढकने के बहुत काम आते है यारों हम ऐसे ही जी लेते है यारों दूध न मिले तो ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    20 सितम्बर 2017
    ये एक बाला की जीवन और जिन्दगी की कहानी है कैसे एक बाला (लडकी )। अपने जीवन मे संघर्ष पल को जीती है ओर मुस्कुराती रहती है अपने पलों को को यू छुपा कर जीती है ओर मुस्कुरा कर लोगों को विमोहित करती है जैसे -- ,कुडी (लड़की ) की फटी समीज को दूसरी फटी चुन्नी ( दुपट्टा ) से ढंक लेते है यारों , हम तो ऐसे ही जीलेते है यारों, जिन्दगी जीवन के उतार चढंाव में हास्य रस घोलने की कोशिश की गई है। आप एक बार पढ़े ओर बिना हँसे न रहेगे -- जब आप पढ़ेंगे - बेढब बनारसी जी कि पंकित : धोती न मिले तो बेधडंक अख़बार लपेटो,; ओर लोग बिना हँसे नही रहते, ये अलग बात है हास्यरस की रचना करना भी आसान नही , बस यहंा तो कौशिस की गई है। निर्णय तो आपके हाथो मे है, आप ईसे जो कह लीजिये , ४:१०:२०१७
  • author
    Akhilesh Kumar Srivastava "Naval"
    23 जून 2021
    सुन्दर प्रयास
  • author
    रमेश पाली
    30 अगस्त 2018
    वाह... लाजवाब
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    20 सितम्बर 2017
    ये एक बाला की जीवन और जिन्दगी की कहानी है कैसे एक बाला (लडकी )। अपने जीवन मे संघर्ष पल को जीती है ओर मुस्कुराती रहती है अपने पलों को को यू छुपा कर जीती है ओर मुस्कुरा कर लोगों को विमोहित करती है जैसे -- ,कुडी (लड़की ) की फटी समीज को दूसरी फटी चुन्नी ( दुपट्टा ) से ढंक लेते है यारों , हम तो ऐसे ही जीलेते है यारों, जिन्दगी जीवन के उतार चढंाव में हास्य रस घोलने की कोशिश की गई है। आप एक बार पढ़े ओर बिना हँसे न रहेगे -- जब आप पढ़ेंगे - बेढब बनारसी जी कि पंकित : धोती न मिले तो बेधडंक अख़बार लपेटो,; ओर लोग बिना हँसे नही रहते, ये अलग बात है हास्यरस की रचना करना भी आसान नही , बस यहंा तो कौशिस की गई है। निर्णय तो आपके हाथो मे है, आप ईसे जो कह लीजिये , ४:१०:२०१७
  • author
    Akhilesh Kumar Srivastava "Naval"
    23 जून 2021
    सुन्दर प्रयास
  • author
    रमेश पाली
    30 अगस्त 2018
    वाह... लाजवाब