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हसीन वादियाँ

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ये हसीन वादियाँ, ये खुला आसमान, ये कहां आ गए हम मेरे साजना .... जी हां कुछ ऐसे ही गुनगुना रही थी धन्नो अपने पति के हाथों.में हाथ पकडे कभी , तो कभी पति प्रियांश अपनी धन्नो को बांहों मे ...

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लेखक के बारे में
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Poonam Mishra

पूनम मिश्र, विज्ञान स्नातक, पत्रकारिता कई वर्षों तक कार्यरत रही । दो कृति प्रकाशित गीली माटी साझा संकलन, कैकेयी, दिल्ली से प्रकाशित हाईकू मंथन मे हाईकू को स्थान प्राप्त , अंग्रेजी पुस्तक NOW का अनुवाद हिंदी मे किया जो प्रकाशन मे है , चोका संग्रह प्रकाशित । हिंदी महिला समिति द्वारा स्वंय सिध्दा पुरस्कार, मध्य रेलवे यूनियन द्वारा महिला पत्रकारिता के लिए लगातार 2 वर्ष तक सर्वश्रेष्ठ महिला पत्रकार से सम्मानित, व अन्य कई पुरस्कारों से सम्मानित अभी हाल ही मे हिंदी सेवा पुरस्कार से सम्मानित, ।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    18 दिसम्बर 2020
    हसीन वादियों में हसीन मिलन.. बढ़िया लिखा है आपने.
  • author
    श्वेता विजय mishra
    18 दिसम्बर 2020
    शानदार बेहतरीन लाजवाब रचना बहुत खूब
  • author
    Sunanda Aswal
    18 दिसम्बर 2020
    खूबसूरत...लेख ..रचना बेहद सुंदर👌👍👍💐
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    18 दिसम्बर 2020
    हसीन वादियों में हसीन मिलन.. बढ़िया लिखा है आपने.
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    श्वेता विजय mishra
    18 दिसम्बर 2020
    शानदार बेहतरीन लाजवाब रचना बहुत खूब
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    Sunanda Aswal
    18 दिसम्बर 2020
    खूबसूरत...लेख ..रचना बेहद सुंदर👌👍👍💐