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हर कोई बेवफ़ा नहीं होता

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"देखा है तुने... लाखों को इस दुनिया में... जो खुद को तेरा आशिक बताता होगा... पर मैने तो सिर्फ तुझे पाया है.... कौन सच्चे आशिक को इतना रूलाता होगा... आँखें जो कहती है... उनका कोई रास्ता नहीं ...

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लेखक के बारे में

जन्म : १ मार्च , १९९३,ग्राम-कबूतरा, आजमगढ़, उत्तरप्रदेश चर्चित कवि, कथाकार,एवँ संपादक हैं। आपकी माता श्रीमति मीरा सिंह एवं पिता स्वर्गीय श्री अमरजीत सिंह एक साधारण परिवार से संबंध रखते हैं। सन् १९९९ में पिता के देहांत के बाद आपकी शिक्षा आपके चाचा श्री अरूण सिंह के कर‍-कमलों से निरंतर चलती रही| सुप्रसिद्ध हिन्दी कवयित्री तारा सिंह द्वारा प्रकाशित वेब हिन्दी पत्रिका स्वर्गविभा में आपकी ४० से भी अधिक रचनाएँ प्रकाशित हैं। आप 'लिट्रेचर इन इण्डिया' हिन्दी मासिक वेब पत्रिका के संस्थापक,प्रधान संपादक एवं संरक्षक हैं। आपकी शिक्षा 'चिल्ड्रेन सीनियर सेकेण्डरी स्कूल', आजमगढ़, उत्तरप्रदेश से हाईस्कूल एवँ इण्टरमीडिएट तक हुई। तत्पश्चात आपने उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय से कंम्यूटर साइंस में बी.टेक. की डिग्री हासिल की। साहित्य यात्रा- • प्रथम प्रकाशन 'आवाज़' पत्रिका में • स्थानीय एवँ राष्ट्रीय समाचार पत्रों में रचनाएँ प्रकाशित • अखिल भारतीय युवा कवि सम्मेलन में सहभागिता • वर्ष 2011 से निरंतर ब्लाग लेखन • भारत की प्रमुख एवँ प्रतीष्ठित हिन्दी वेबसाईट स्वर्गविभा में 40 से ज्यादा रचनाएँ प्रकाशित • वर्ष 2012 में 'लिट्रेचन इन इण्डिया' ब्लाग की स्थापना • वर्ष 2014 में 'लिट्रेचर इन इण्डिया' वेब पत्रिका की स्थपना

समीक्षा
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    prem kumar
    11 अक्टूबर 2022
    Achha hai
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