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हर क़दम कहता है तू आया है जाने के लिए

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हर क़दम कहता है तू आया है जाने के लिए मंज़िल-ए-हस्ती नहीं है दिल लगाने के लिए| क्या मुझे ख़ुश आए ये हैरत-सरा-ए-बे-सबात होश उड़ने के लिए है जान जाने के लिए| दिल ने देखा है बिसात-ए-क़ुव्वत-ए-इदराक ...

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लेखक के बारे में

मूल नाम : अकबर हुस्सैन रिज़वी उपनाम : अकबर अलाहाबादी जन्म : 16 नवंबर 1846 देहावसान: 15 फरवरी 1921 भाषा : उर्दू विधाएँ : ग़ज़ल, शायरी अकबर अलाहाबादी उर्दू व्यंग्य के अग्रणी रचनाकारों में से एक हैं, इनके काफी शेरों एवम ग़ज़लों में सामाजिक दर्द को सरल भाषा में हास्यपूर्क ढंग से उकेरा गया है। "हंगामा है क्यूं बरपा" इनकी मशहूर ग़ज़लों में से एक है

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    अरविन्द सिन्हा
    15 டிசம்பர் 2021
    बहुत ही प्रभावी अभिव्यक्ति ।
  • author
    Raja Diwakar
    27 செப்டம்பர் 2019
    बहुत खूब
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    अरविन्द सिन्हा
    15 டிசம்பர் 2021
    बहुत ही प्रभावी अभिव्यक्ति ।
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    Raja Diwakar
    27 செப்டம்பர் 2019
    बहुत खूब