" हर घर सिंदूर, घर -घर सिंदूर" ये नए भारत का नारा है. इसे दिया किसने? अभी दिया नहीं गया है, पर ये नारा दिया जा सकता है. जब हर घर नल, नल से जल, जैसे नाम दिए जा सकते हैं तो ये भी नारा कुछ बुरा ...
अपने तजुर्बे से, बहुत कुछ सीखते हैं हम,
अपने ही हाथों खुद, लकीरें खींचते हैं हम।
जहां ये कब तलक हमें, सिर्फ बूत समझेगा,
ज़माने की सच्चाई की, तस्वीरें खींचते हैं हम।।
- श्याम लाल मौर्य (अध्यापक)
देवनागरी इण्टर कॉलेज,मांँगलौर- बुलन्दशहर।
सारांश
अपने तजुर्बे से, बहुत कुछ सीखते हैं हम,
अपने ही हाथों खुद, लकीरें खींचते हैं हम।
जहां ये कब तलक हमें, सिर्फ बूत समझेगा,
ज़माने की सच्चाई की, तस्वीरें खींचते हैं हम।।
- श्याम लाल मौर्य (अध्यापक)
देवनागरी इण्टर कॉलेज,मांँगलौर- बुलन्दशहर।
कल मैं रास्ते से चलते हुए सुन रहा था कुछ लोग सिंदूर को लेकर बोल रहे थे , कि सिंदूर की कीमत अब हमे उस आदमी से समझनी हैं जिन्होंने खुद सिंदूर लगाने वाली को सम्मान नही दिया 🤷🤷
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कल मैं रास्ते से चलते हुए सुन रहा था कुछ लोग सिंदूर को लेकर बोल रहे थे , कि सिंदूर की कीमत अब हमे उस आदमी से समझनी हैं जिन्होंने खुद सिंदूर लगाने वाली को सम्मान नही दिया 🤷🤷
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