ऐ उम्र ? कुछ कहा मैंने, पर शायद तूने सुना नहीं..! तू छीन सकती है बचपन मेरा, पर बचपना नहीं..!! हर बात का कोई जवाब नही होता…, हर इश्क का नाम खराब नही होता…! यूं तो झूम लेते है नशे में पीनेवाले.. मगर हर ...
कभी शांत कभी गंभीर कभी चुलबुली हूं मैं
जो जैसा है उसके साथ वैसी हूं मैं
दुसरों के हिसाब से चलना मुझे नहीं आता
इसलिए मेरा व्यक्तित्व हर किसी को नहीं भाता
तभी अपनी भावनाओं को कागज़ पर उतारती हूं
क्यूंकि हर किसी को मेरा मन समझ नहीं आता
सारांश
कभी शांत कभी गंभीर कभी चुलबुली हूं मैं
जो जैसा है उसके साथ वैसी हूं मैं
दुसरों के हिसाब से चलना मुझे नहीं आता
इसलिए मेरा व्यक्तित्व हर किसी को नहीं भाता
तभी अपनी भावनाओं को कागज़ पर उतारती हूं
क्यूंकि हर किसी को मेरा मन समझ नहीं आता
रिपोर्ट की समस्या
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