समाज के युग पुरुष,समाज के पुरोधा, सूर्यवंशी महाराज अहिबरन ही थे वे योद्धा, पिता थे परमाल महाराज,तो माता थी भद्रावती रानी, वरणावत थी राजधानी,वर्णावती थी इनकी रानी, थे इनके राज में सभी लोग खुशहाल, ...
केदारनाथ बरनवाल मेरा नाम है,
कहानी कविताएं लिखने और पढ़ने का मेरा शौक है,
अपनी भावनाओं को मैं व्यक्त करता हूं ,
लोगों की भावनाओं को मैं समझने का प्रयास करता हूं,
मैं एक सामाजिक प्राणी हूं ,
और समाज में रहकर समाज का हित चाहता हूं ,मेरी लेखनी से अगर किसी का भला हो जाए,
मैं वही काम करना चाहता हूं।
सारांश
केदारनाथ बरनवाल मेरा नाम है,
कहानी कविताएं लिखने और पढ़ने का मेरा शौक है,
अपनी भावनाओं को मैं व्यक्त करता हूं ,
लोगों की भावनाओं को मैं समझने का प्रयास करता हूं,
मैं एक सामाजिक प्राणी हूं ,
और समाज में रहकर समाज का हित चाहता हूं ,मेरी लेखनी से अगर किसी का भला हो जाए,
मैं वही काम करना चाहता हूं।
रिपोर्ट की समस्या
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